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मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना

दिनांक : 01/09/2013 - | सेक्टर: महिला एवं बाल विकास

किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को पारिवारिक सहायता नहीं मिलती है तो जीवन यापन करने के सभी रास्ते बंद हो जाते है एवं ऐसी कठिन परिस्थितियों के लिए परिवार एवं समाज में पुर्नस्थापित होने हेतु विशेष सहयोग की आवश्यकता होती है । यदि किसी भी पीड़ित महिला की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ दिया जाए तो वह स्वयं के साथ साथ अपने परिवार का भी भरण पोषण कर सकती है । इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री महिलासशक्तिकरण योजना प्रदेश में सितम्बर 2013 से प्रारंभ की गई है।

लाभार्थी:

हितग्राही निम्नानुसार है बलात्कार से पीडित महिला या बालिका । 2 दुर्रव्यापार से बचाई गई महिलाएं जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती हो। 3- ऐसिड विक्टिम 4- जेल से रिहा महिलाऐं 5- परित्यकता लाकशुदा महिलायें जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती हो। 6- शासकीय एवं अशासकीय आश्रय गृह बालिका गृहए अनुरक्षण गृह आदि गृहों में निवासरत विपत्तिग्रस्त बालिकाध्महिलायें 7- दहेज प्रताड़ितध्अग्नि पीड़ित महिलायें 8- बाल विवाह पीड़ित

लाभ:

1. आपात स्थिति में महिलाओं की सहायता 2. पीडित महिला को पुर्नस्थापित करना। 3. महिलाओं को स्व.रोजगार के लिये प्रेरित करना। 4. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना। 5. महिला का सामाजिकए आर्थिक एवं शैक्षिणिक स्तर बढाना। "6. विपत्तिग्रस्त असहाय निराश्रित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए समाज की मुख्य धारा में पुर्नस्थापित "

आवेदन कैसे करें

महिला बालिका द्वारा आवेदन महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यालय मे डाक एवं स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत किया जावेगा अथवा आॅनलाइन की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन किया जा सकेगा आवेदन के परीक्षण उपरांत निम्नानुसार गठित चयन समिति 15 दिवस के अंदर चयन की कार्यवाही करेगी ।
कलेक्टर या नामित अधिकारी – अध्यक्ष
पुलिस अधीक्षक- सदस्य
संबंधित संभागीय संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास-सदस्य
प्राचार्य पोलिटेक्निक/आई टी आ -सदस्य
महा प्रबंधक जिला उद्योग एवं व्यापार- सदस्य
मुख्य चिकित्सक एवं स्थस्थ्य अधिकारी सिविल सर्जन- सदस्य
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास- सदस्य सचिव